2020 की शुरुआती हलचल बता रही है कि इस दशक में भी स्मार्टफोन का तेजी से बदलना जारी रहेगा। नए लॉन्च इशारा कर रहे हैं कि मौजूदा फ्लैगशिप फोन्स की जरूरी समझी जाने वाली चीजें, इस नए दशक की शुरुआत में ही विदा हो जाएंगी। जाहिर है ये बदलाव सहूलियत बढ़ाने वाले होंगे...
फिक्स्ड स्क्रीन का आखिरी दौर
स्क्रीन के पीछे कैमरा, फिंगर प्रिंट सेंसर जैसे फीचर छिपाने का दौर आ चुका है और ये बढ़ता जाएगा। नए जमाने के फोन में फोल्डेबल डिस्प्ले का रोल बढ़ना तय है। लोगों को ऐसे फोन चाहिए जो जेब में आसानी से आ जाएं और फीचर में कोई कमी न हो जो जाहिर तौर पर बड़ी स्क्रीन पर मिलेंगे। दो कंपनियों ने फोल्डेबल डिस्प्ले की दुनिया में एंट्री ली है लेकिन कई और कतार में हैं।
पोर्ट का जाना भी तय
एपल तो 'आईफोन 7' में पोर्ट गायब कर चुका था लेकिन हैडफोन जैक गायब करने का फैसला मील का पत्थर साबित नहीं हुआ। वजह थी इस काम में कंपनियों ने तेजी नहीं दिखाई और पोर्ट कायम रखे। अब टेक्नोलॉजी और आगे बढ़ी है, एपल एअरपॉड्स और दूसरे ब्लूटुथ हैडफोन्स ने हैडफोन जैक्स की अहमियत कम की है। वायरलैस चार्जिंग का बढ़ना भी तय है। सैमसंग के बाद एपल का वायरलेस चार्जिंग में काम करना बता रहा है कि इस फीचर का पोर्ट हटाने के लिए स्मार्टफोन में रखना जरूरी है। जल्द ही अाप फोन को बिना चार्जिंग पोर्ट के देखेंगे। पोर्ट हटने से वॉटरप्रूफिंग बेहतर होगी।
बटन होंगे विदा
फेस अनलॉक स्मार्टफोन को उस दिशा में ले आए हैं जब उन्हें बटन्स की जरूरत नहीं है। एचटीसी अपने एक फोन से सभी बटन्स गायब करने का प्रयोग कर चुका है। 'अल्ट्रासेंस सिस्टम्स' का ही उदाहरण लें तो ये एक नया टच यूजर इंटरफेस बना रहे हैं जो अल्ट्रासाउंड पर आधारित होगा। फोन पर किसी भी जगह टैप करने और स्लाइड करने की आजादी से, पारंपरिक बटन्स अब जल्द ही बीते जमाने की चीज बन जाएंगे। इससे डिजाइनर्स को कर्व्ड एजेस और वॉटरफॉल स्क्रीन्स देना आसान होगा। स्क्रीन स्पेस भी काफी बढ़ जाएगी।